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{{KKRachna
|रचनाकार=मनु भारद्वाज
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{{KKCatGhazal‎}}
<Poem>
तुझे याद है पिछले साल
प्यार मुहब्बत सिर्फ कहानी, झूठे वो बेबाक इरादे
अब इस दिल ने मान लिया है बस में अब हालात नहीं है
मैं भी तेरे साथ नहीं हूँ, तू भी मेरे साथ नहीं है</poem>
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