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नक्शा मीटिंग और सलाम / शीलेन्द्र कुमार सिंह चौहान
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17:17, 13 मार्च 2012
बहती गंगा हाथ धो रहे
साहब , बीबी और गुलाम
बड़े निराले जिनके ठाठ
मिलकर करते बंदरबाँट
देश हो रहा बारहबाँट
लोकतंत्र के
जादू
टोेने
टोने
नक्शा मीटिंग और सलाम
बस्ती बस्ती जंगलराज
हर टहनी पर बैठे बाज
Sheelendra
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