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आग्रह / शीलेन्द्र कुमार सिंह चौहान
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17:01, 16 मार्च 2012
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बज उठी घंटी
बज उठी
घंटी अचानक फ़ोन की
प्रेम की बाती मधुर जलने लगी
मौन पिघला बर्फ़ की शहतीर-सा
दूर होने
लगा
लग
गए शिकवे-गिले ।
मन पटल पर
Sheelendra
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