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<Poem>
अब तो वापस आओ पंछी
तुझको नीड़ बुलाए
खेत-खेत में सरसों फूलीडाल-डाल पर कलियाँ झूलींबाग-बगीचे मोर नाचते
मैना शोर मचाए
आँचल माँ का तुझको हेरेरुनझुन बिछुआ तुझको टेरेनन्हा मोती आँगन-चौरे
अपना राग सुनाए
झील नज़र की धीरज खोतीमौन लहर यादों को ढोतीगुमसुम द्वारे पेड़ पुराना
तेरी आस लगाए
</poem>
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