गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
दिलों में फिर वो पहली सी, मोहब्बत हो अगर पैदा / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
No change in size
,
08:22, 25 मार्च 2012
{{KKCatGhazal}}
<poem>
दिलों में फिर वो
पहली
पहले
सी, मोहब्बत हो अगर पैदा
यकीनन हो नहीं सकता, जहाँ में कोई शर<ref>फसाद</ref> पैदा
SATISH SHUKLA
384
edits