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अस्वीकरण
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चारा न था / प्रभात
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20:36, 7 अप्रैल 2012
पूरी बात जब ख़त्म हो रही थी मुझे बताया
कि वह कपड़े धो रही थी
और कहा— ‘कल आप आओगे
न’
न ?’
यह मुझसे कहते उसने न जाने किससे कहा
अनिल जनविजय
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