Changes

उसका प्रिय शबर प्रेम में उन्मत्त पाग़ल है
"ओ शबर ! तू हल्ला-गुल्ला मत कर
तेरी अपनी (निज) गृहिणी सहज सुन्दर है"
उस पर्वत पर नाना प्रकार के तरुवर फूले हुए हैं,
जिनकी डालियाँ गगन में लगी हुई हैं
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,627
edits