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अपने होने का सुबूत / कृष्ण बिहारी 'नूर'
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14:33, 8 मई 2012
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बिहारी 'नूर'
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<poem>अपने होने का सुबूत और निशाँ छोड़ती है
रास्ता कोई नदी यूँ ही कहाँ छोड़ती है
Purshottam abbi "azer"
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