{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार= रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ }}[[Category:हाइकु]]<poem>21फैली मुस्कानशिशु की दूधिया याहुआ विहान ।22सर्दी की धूपउतरी आँगन में ले शिशु -रूप23खिलखिलाईपहाड़ी नदी-जैसीमेरी मुनिया ।24खुशबू- भरीहर पगडण्डी -सीनन्हीं दुनिया ।25तुतली बोलीआरती में किसी नेमिसरी घोली ।26इस धरा कासर्वोच्च सिंहासन है बचपन 27मन्दिर में न राम बसा है ,बसा भोले मन में-0-28साँसों की डोरजन्म और मरणइसके छोर ।29अँजुरी भरआशीष तुम्हें दे दूँआज के दिन ।30फैली चाँदनीधरा से नभ तकजैसे चादर । </poem>