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दोहे / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
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16:25, 19 मई 2012
मन में कपट कटार है , मुख पर है मुस्कान ।
डोलते अब
गली-गली
में डोलते
, ऐसे ही इंसान ॥ 2॥
वीरबाला
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