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सगुन-पाखी / सुधा गुप्ता
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10:22, 21 मई 2012
[[Category: चोका]]
<poem>
आ गए फिर
लौट कर वे दिन
दिन की शाख़, टेरा
एक सगुन-पाखी
-0-
</poem>
वीरबाला
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