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सुधि मोरी कहे बिसराई नाथ / शिवदीन राम जोशी
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05:56, 30 मई 2012
अपने को अपना कर राखो कबहु न छाड़ो हाथ।
शिवदीन तुम्हारा गुण नित गावे ऊठत ही परभात।।
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आशिष पुरोहित
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