गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
काग़ज़ / गीत चतुर्वेदी
No change in size
,
17:04, 28 जुलाई 2012
एक ठसाठस भरा था शब्दों से
एक पर पोंकती हुई क़लम के धब्बे थे
एक पर
उंगलियों
उँगलियों
की मैल
एक ने अब भी अपनी तहों में समोसे की गंध दाब रखी थी
एक काग़ज़ को तहकर किसी ने हवाई जहाज़ बनाया था
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits