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कही सुनी पे बहुत एतबार करने लगे / वसीम बरेलवी
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04:55, 5 अगस्त 2012
जब आई शाम तेरा इंतज़ार करने लगे
हमारी
सादामिजाज़ी
सादा -मिजाज़ी
की दाद दे कि तुझे
बगैर
बग़ैर
परखे तेरा एतबार करने लगे.
</poem>
द्विजेन्द्र द्विज
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