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उग आई नागफनी / धनंजय सिंह
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06:17, 12 अगस्त 2012
कंधा दे शव को अपने छोड़ गए
सावन-
भादो
भादों
के मेघों के जैसा
मन भर-भर आया पीड़ा हुई घनी
डा० जगदीश व्योम
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