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निभाई यार से यारी, मेरा श'ऊर था वो / नवीन सी. चतुर्वेदी
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09:21, 13 अगस्त 2012
<poem>
निभाई यार से यारी, मेरा श'ऊर था वो
मगर, यूँ लगता है अब तो,
मेरा
कोई
क़ुसूर था वो
चली हवा तो पतंगे सा उड़ गया पल में
Navincchaturvedi
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