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जिगर और दिल को बचाना भी है / मजाज़ लखनवी
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03:00, 22 सितम्बर 2012
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|रचनाकार=मजाज़ लखनवी
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जिगर और दिल को बचाना भी है
नज़र आप ही से मिलाना भी है
द्विजेन्द्र द्विज
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