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17:14, 12 दिसम्बर 2012 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= यमुना प्रसाद चतुर्वेदी 'प्रीतम'
|संग्रह= प्रीतम काव्य रसामृत भाग-१ / यमुना प्रसाद चतुर्वेदी 'प्रीतम'
}}
[[Category: कविता]]
<poem>
जय-जय-जय गिरिवर धरन, जय-जय-जय गिरिराज।
बंदों जुग-जुग जुग-चरन, राखन साखन लाज।।
राखन साखन लाज, नित्य माखन रस भोगी।
लाखन सारन काज, बिमल मन करतसँयोगी।
कवि 'प्रीतम' जग बंधु वर, ब्रज रच्छक स्यामल बरन।
दु:ख हरण असरन सरन, जय-जय-जय गिरिवर धरन।।
</poem>