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01:12, 13 दिसम्बर 2012 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= यमुना प्रसाद चतुर्वेदी 'प्रीतम'
|संग्रह= प्रीतम काव्य रसामृत भाग-१ / यमुना प्रसाद चतुर्वेदी 'प्रीतम'
}}
[[Category: कविता]]
<poem>
आयौ हौं दौरि द्वार श्री नर्मदा तिहारे पै जु
तुम्हीं अब मेरे सब कारज सँभारौगी
भारी भार सीस पै अचानक ही पर्यौ आन
ताकौं निज कृपा कर, बर दै उतारौगी
'प्रीतम' सु कवि कामना की हौ जु कामधेनु
प्याइ पय तृप्ति कर जनम सुधारौगी
ए हो मातु मेखलजा, रविजा सपूत हेतु
सेतु बाँधि शीघ्र, भव सिन्धु सों उबारौगी
</poem>