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अर्थशाला / भाग 2 / केशव कल्पान्त
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16:44, 19 अप्रैल 2013
‘रस्किन’ और ‘कार्लाइल’ ने,
‘स्मिथ’ को ही धिक्कारा है।
‘रोटी-पानी’ की
धरा
धारा
क्या,मानव जीवन की
धरा
धारा
है ॥13॥
जो कुबेर की करे साधना,
अनिल जनविजय
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