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|रचनाकार='अना' क़ासमी
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{{KKPustak
|चित्र=
|नाम=मीठी सी चुभन
|रचनाकार=[['अना' क़ासमी]]
|प्रकाशक=अयन प्रकाशन, महरौली, नई दिल्ली-110030
|वर्ष=2112
|भाषा=उर्दू
|विषय=ग़ज़लें
|शैली=ग़ज़ल
|पृष्ठ संख्या=111
|ISBN=978-81-7408-570-2
|विविधः मूल्य 200.00 रूपये
}}
*[[भूमिका / डॉ. दिनेश कुशवाह]]
[ग़ज़ल-क्रम]
*[[उस क़ादरे-मुतलक़ से बग़ावत भी बहुत की / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[हमारे बस का नहीं है मौला ये रोज़े महशर हिसाब देना / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[उससे कहना कि कमाई के न चक्कर में रहे / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[हारे थके परिन्दों से कहती है शाम कुछ / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[वो अभी पूरा नहीं था हां मगर अच्छा लगा / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[तेरी इन आंखों के इशारे पागल हैं / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[अक्सर मिलना ऐसा हुआ बस / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[कैसा रिश्ता है इस मकान के साथ / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[फिर खिलखिला उठा किसी नादान की तरह / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[उसको नम्बर देके मेरी और उलझन बढ़ गई / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[देखा मुझे तो शर्म से मुस्का के रह गया / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[उन निगाहों का मोरचा टूटा / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[बर्थ पर लेट के हम सो गये आसानी से / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[कम लोग हैं जो सच्ची इबादत में लगे हैं / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[जो जैसे थे वो वैसे ही सरे महशर निकल आये / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[कोई नहीं किसी का सुनो इस जहान में / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[आज की शब अगर इजाज़त हो / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[है वक़्त कम औ लम्बा सफ़र भागते रहो / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[गर्मियों की यह तपिश भी चाँदनी हो जायेगी / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[मसलहत खे़ज़ ये रियाकारी / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[जो ज़बां से लगती है वो कभी नहीं जाती / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[पैसा तो खुशामद में, मेरे यार बहुत है / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[किसी पे ग़्ाुस्सा उठे है किसी पे प्यार उठे / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[वैसे तो तुम्हें छोड़ के मय पी ही नहीं है / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[वही अकेला जो घर में कमाने वाला था / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[सारे जहाँ को अब तो ख़बर है और आप हैं / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[बचा ही क्या है हयात में अब सुनहरे दिन तो निपट गये हैं / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[है ख़बर गर्म उनके आने की / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[अपने पुरखों की शान देखो तो / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[मुहब्बत कोई भी ज़िद ठानती है / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[इक तरह कै़द है दुनिया की नज़र में रहना / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[फूल सब आप रखें, दे दें फ़क़त ख़ार मुझे / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[छिड़ी थी गुफ़्तगू कल रात बेमहल मेरी / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[शाम से पहले अगर तुमको चला जाना था / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[कुछ चलेगा जनाब, कुछ भी नहीं / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[वो एकता थी कि थोड़ा बहुत तज़ाद भी था / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[रोज़ चिकचिक में सर खपायें क्या / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[ये शबे-अख़्तरो-क़मर चुप है / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[जब ये क़िस्मत मेहरबां हो जायेगी / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[फ़ज़ा ने हाथ उठाकर यूं ली है अंगड़ाई / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[आने की इजाज़त है दरबार में ग़ज़लों को / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[दोस्ती का वो जो हक़ है वो निभाता ही नहीं / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[बना लो सैकड़ों बातें बना लो / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[कभी महफ़िल में हम मिलते थे अपने जाम टकरा कर / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[ना लड़कियों के रक्स इधर हैं न जाम हैं / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[मुहब्बतों में वही आबो-ताब है कि नहीं / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[आ गया फ़र्क़ बहुत उसके भी व्यवहारों में / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[ज़ख़्म को फूल की मानिंद सजाने वाले / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[तेरी अता है कि तूने मुझे ये धन बख़्शा / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[फ़न तलाशे है दहकते हुए जज़्बात का रंग / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[क्या ज़रूरत थी आज़माने की / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[उल्फ़त का फिर मन है बाबा / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[मेरा खूने-जिगर होने को है फिर / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[आप इस छोटे से फ़ितने को जवां होने तो दो / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[आराइशे-खुर्शीदो-क़मर किसके लिए है / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[हो जितनी बात फ़क़त उतनी बात बोलो बस / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[साफ़ कह दो जो भी कहना है बहाना छोड़ दो / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[मुमकिन कहाँ कि तन्हा कोई फैसला करें / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[ग़ज़ल तुमको सुनाना चाहता हूं / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[जिसने जितने मन जीते हैं उसके ही आधार पे है / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[अब हलो हाय में ही बात हुआ करती है / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[छू जाये दिल को ऐसा कोई फ़न अभी कहाँ / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[ये मक़ामे इश्क है कौन सा, कि मिज़ाज सारे बदल गये / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[तुमने हाँ कर दी तो हमने भी सनम रख ही दिया / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[उन निगाहों का मोरचा टूटा / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[चलो जाओ ,हटो कर लो तुम्हें जो वार करना है / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[चुभन तो है मगर पैहम कहाँ है / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[इश्क़ का हौसला नहीं हम में / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[नाराज़ किस लिए हैं हुआ है हुज़ूर क्या / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[लुत्फ़ के साथ चुभन हो जैसे / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[सुना कर हाले-दिल इक अजनबी को / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[तलाश जारी है नामो-निशां नहीं / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[कब चली है मिरी चलेगी / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[शौक़े-परवाज़ न बिखरे हुये पर में रखना / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[आप गर दिल का कारोबार / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[किसी पे ग़्ाुस्सा उठे है किसी पे प्यार उठे / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[सोच समझ कर फै़सला करना मत करना जज़्बात में तुम / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[अपने पुरखों की शान देखो तो / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[मुहब्बत कोई भी ज़िद ठानती / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[सुना है इन दिनों रतबुल्लिसां / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[इक ऐसी बात को वो कह गया रवानी में / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[एक बुझता हुआ दिया और मैं / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[सच कहूं तो वाक़ई तुम आज पछताने को हो / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[ये तुमने बात छेड़ी है कहां की / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[वो अष्क आंख को सांसों को हिचकियां देकर/ ‘अना’ क़ासमी]]
*[[अब भी आंखों में धार है कि नहीं / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[गीली साड़ी अभी भी है गीली / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[कोई आका नहीं ग़्ाुलाम नहीं / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[अक्स ग़ज़लों को तेरा गर मिल जाये / ‘अना’ क़ासमी]]
*[[ये कब कहा कि तुमसे मुहब्बत नहीं रही / ‘अना’ क़ासमी]]
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