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00:32, 16 मई 2013 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=नीरज दइया
|संग्रह=उचटी हुई नींद / नीरज दइया
}}
{{KKCatKavita}}<poem>क्या कविता होती है
किसी कवि के नाम में
या कविता रहती है
अपने पाठ में?
मेरी कविता में
आते हैं कुछ शब्द
शब्दों का पीछा करते हैं
कुछ शब्द
बनते हैं कुछ चित्र
जो दिखाते हैं कुछ दृश्य
किसी कविता में
काव्यात्मक नहीं होता
कवि का नाम!</poem>