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प्रकृति-प्रबोध / रामचंद्र शुक्ल
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|रचनाकार=रामचंद्र शुक्ल
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शक्ति-सिंधु के बीच भुवन को खेनेवाले,
गोचर, गण्य स्वरूप काल को देनेवाले।
Sharda suman
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