992 bytes added,
19:15, 20 अक्टूबर 2007 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अनिल जनविजय
|संग्रह=माँ, बापू कब आएंगे
}}
एक रात में कवि
कितनी कविताएँ लिख सकता है
एक रात में कवि
कितनी बातें सोच सकता है
एक रात में कवि
कितने गाँवों, कितने शहरों, कितने देशों, कितनी दुनियाओं
के चक्कर लगा सकता है
एक रात में कवि
किन-किन लोगों को किस-किस तरह के पत्र लिख सकता है
एक रात में कवि
किस-किस के विरूद्ध किस तरह लड़ सकता है
क्या-क्या कर सकता है कवि
एक रात में ?