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तुम्हारा अपना / निश्तर ख़ानक़ाही
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12:46, 2 जुलाई 2013
अब न वो मैं हूं न वो तुम, न वो रिश्ता बाकी
यूं तो कहने को वही मैं हूं 'तुम्हारा अपना'
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poem>
1. शनासा-परिचित
2. पुरसिशे-हाल- हाल पूछना
Sharda suman
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