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म्हनैं ठाह है : च्यार / रमेश भोजक ‘समीर’
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23:52, 18 जुलाई 2013
'<poem>म्हनैं ठाह है भाग माथै पड़्या है भाठा कैवतो थको म...' के साथ नया पन्ना बनाया
<poem>म्हनैं ठाह है
भाग माथै
पड़्या है भाठा
कैवतो थको मिनख
चढ जाया करै है
आपरी आंगळियां रै भरोसै
भाठां री दुकान माथै।</poem>
Neeraj Daiya
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