Changes

{{KKCatKavita}}
<poem>
हवा का ज़ोर वर्षा की झरीझड़ी, झाड़ों का गिर पड़ना
कहीं गरजन का जाकर दूर सिर के पास फिर पड़ना
उमड़ती नदी का खेती की छाती तक लहर उठना
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,130
edits