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इक रोज़ बिछड़ जायेंगे दिन सूरजों वाले / 'महताब' हैदर नक़वी
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12:35, 23 जुलाई 2013
किस सम्त गये क़ाफ़िले परछाइयों वाले
ये आँख
मेरि
मेरी
हो गयी मानूस जहाँ से
या खो गये मंज़र सभी वो हैरतों वाले
Sharda suman
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