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एक वाक्य / धर्मवीर भारती
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04:27, 4 सितम्बर 2013
|रचनाकार=धर्मवीर भारती
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<poem>
चेक बुक हो पीली या लाल,
दाम सिक्के हों या शोहरत -
कह दो उनसे
जो ख़रीदने आये हों तुम्हें
हर भूखा आदमी बिकाऊ नहीं होगा है !
</poem>
Sharda suman
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