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मैं पल दो पल का शायर हूँ / साहिर लुधियानवी
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11:20, 10 अक्टूबर 2008
कल और आएंगे नग़मों की खिलती कलियाँ चुनने वाले,
तुम से
मुझसे
बेहतर कहने वाले,
तुम से
तुमसे
बेहतर सुनने वाले ।
कल कोई मुझ को याद करे, क्यों कोई मुझ को याद करे
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