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हेली-1 / ताऊ शेखावाटी
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}}
{{
KKCatMoolRajasthani
KKCatRajasthaniRachna
}}{{KKCatKavita}}<poem>हेली जलम्यो है बो मरसी, ईं में बोल राम के करसी।
मंदिर धोक’र चाए मसजिद, गुरुद्वाराँ अरदास कर्याँ नित।
काम न आणी कोई भी बिध, तूँ जितणी भी करसी।
Sharda suman
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