Changes

चलो हम आज / मानोशी

129 bytes added, 04:55, 31 अक्टूबर 2013
{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=मानोशी|अनुवादक=|संग्रह=}}{{KKCatGeet}}<poem>चलो हम आज
सुनहरे सपनों के
रुपहले गाँव में
सुनहरे सपनों के
रुपहले गाँव में
घर बसायें ।बसायें।</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,130
edits