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जन्मदिन / राजा खुगशाल

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उत्साेह और उम्मी दों के साथ
नए विचार और नए संकल्पोंम के साथ
बार-बार आना चाहिए तुम्हेंेतुम्हें
अंधेरे में रोशनी की तरह
जैसे तनख्वा ह का दिन आता है
जैसे राशन आता है घरों में
समुद्र में ज्वाैर ज्वार आता है जैसे जैसे सन्ना टे सन्नाटे में तूफान बुरे दिनों के बाद अच्छेन अच्छे दिन
जैसे नहर में पानी
खिड़कियों से धूप और हवा
जैसे अपने गाँव आते हैं वर्षों बाद लोग
जन्म दिन तुम्हाररे तुम्हारे आने पर
जन्म होना चाहिए एक नए दिन का।
</poem>
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