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हथेलियाँ / रेखा चमोली
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,
15:08, 28 जनवरी 2014
जब दुखी या परेशान होती तब भी
मैंने पूछा, ऐसा क्यों करती हैं?
बोलीं,
''
"
हथेलियों पर उसकी सूरत नजर आती है
''
"
।मैने कहा,
''
"
उसकी सूरत से यह दुनिया नहीं चलती
''
"
।वे बोलीं,
''
"
उसकी सूरत के बिना भी तो नहीं चलती
''
"
।
</poem>
Sharda suman
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