|जन्मस्थान=कुशीनगर, देवरिया जिला, उत्तर प्रदेश
|मृत्यु=1987
|कृतियाँ=हरी घास पर क्षण भर, बावरा अहेरी, इंद्र धनु रौंदे हुए, [[आँगन के पार द्वार / अज्ञेय | आंगन के पार द्वार]], कितनी नावों में कितनी बार
|विविध="कितनी नावों में कितनी बार" नामक काव्य संग्रह के लिये 1978 में भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।"आँगन के पार द्वार" के लिये 1964 का साहित्य अकादमी पुरस्कार
|जीवनी=[[अज्ञेय / परिचय]]