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क्या मिलिए ऎसे लोगों से, जिनकी फितरत छुपी रहे<br>
नकली चेहरा सामने आए, असली सूरत छुपी रहे।<br><br>
खुद से भी जो खुद को छुपाए, क्या उनसे पहचान करें<br>
क्या उनके दामन से लिपटें, क्या उनका अरमान करें<br>
जिनकी आधी नीयत उभरे, आधी नीयत छुपी रहे<br>
नकली चेहरा सामने आए, असली सूरत छुपी रहे।<br><br>
दिलदारी का ढोंग रचाकर, जाल बिछाएं बातों का<br>
जीते-जी का रिश्ता कहकर सुख ढूंढे कुछ रातों का<br>
रूह की हसरत लब पर आए, जिस्म की हसरत छुपी रहे<br>
नकली चेहरा सामने आए, असली सूरत छुपी रहे।<br><br>
जिनके जुल्म से दुखी है जनता हर बस्ती हर गाँव में<br>
दया धरम की बात करें वो, बैठ के सजी सभाओं में<br>
दान का चर्चा घर-घर पहुंचे, लूट की दौलत छुपी रहे<br>
नकली चेहरा सामने आए, असली सूरत छुपी रहे।<br><br>
देखें इन नकली चेहरों की कब तक जय-जयकार चले<br>
उजले कपड़ों की तह में, कब तक काला संसार चले<br>
कब तक लोगों की नजरों से, छुपी हकीकत चुपी रहे<br>
नकली चेहरा सामने आए, असली सूरत छुपी रहे।<br><br>
क्या मिलिए ऎसे लोगों से, जिनकी फितरत छुपी रहे<br>
नकली चेहरा सामने आए, असली सूरत छुपी रहे।
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