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ईसुरी की फाग-11 / बुन्देली
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16:26, 10 मार्च 2008
जो तुम छैल, छला हो जाते, परे उंगरियन राते
भौं
मौं (मुँह)
पौंछत गालन के ऊपर, कजरा देत दिखाते
घरी-घरी घूंघट खोलत में, नज़र सामने आते
'ईसुर' दूर दरस के लानें, ऎसे काए ललाते ?
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