Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=घनश्याम नाथ कच्छावा |संग्रह=मंडा...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=घनश्याम नाथ कच्छावा
|संग्रह=मंडाण / नीरज दइया
}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
{{KKCatKavita‎}}
<Poem>जीवण
जियां-
मोबाइल रो सैट
अर
‘सिम’ इणरी आतमा
सांसां सूं रिचार्ज
हुवै आ काया।

मोबाइल सैट-सी
बणी
इण मिनखाजूण सूं
मिनखपणै री ‘रिंगटोन’
गायब हुयगी
अबै
जीवण रो मोबाइल
खाली सांसां रो
खोळियो हुय’र
बिना चेतना रै पाण
‘वायबरेशन’ रै माथै इज
पड़्यो है।</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
5,484
edits