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16:03, 14 मई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=राजेन्द्र जोशी
|संग्रह=सब के साथ मिल जाएगा / राजेन्द्र जोशी
}}
{{KKCatKavita}}<poem>मौन की आवाज होती है
सुनी नहीं जाती
बहुत कुछ कह देता है मौन
बिन बोले
समझता हैं
समझाता भी हैं
मौन इशारा हैं
मौन का धर्म हैं
अपना धर्म निभाना
</poem>
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