513 bytes added,
05:04, 16 मई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=नंददास
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatPad}}
<poem>
झूलत राधामोहन, कालिंदी के कूल।
सघन लता सुहावनी, चहुंदिश फूलें फूल ॥१॥
सखी जुरी चहुँदिश तें, कमल नयन की ओर।
बोलत वचन अमृतमय, नंददास चित्तचोर॥२॥
</poem>