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13:16, 18 मई 2014 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=विद्यापति
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सासु रुसल मैया हम्मर काली एली काली
सासु कोने कारण रुसलै गे मोरा मैया काली
अब नैहरा लेने जाय हे मैया काली
बीचहिं में मिललई रे दैवा जमुना नरी हे मैया काली
नदी धार बीचहिं में मिललई रे दैवा दजमुा नदी
नहिं छै नैया गे मईया काली
नैया जे बनेबई गे मैया काली
चानन के छाबि का हे काली
बनेबई हे करुमारि हे मैया काली
मैया नाब चढि क हे काली
ओहि चढि उतरब जमुना पार हे मईया काली
कोने नैया खबई हे मलहबा कोने भसियाबई
हे काली नदी धार
पार उतरब हे मैया काली
जमुना नदी के नदी धार
</poem>
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