626 bytes added,
10:02, 20 मई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सूरदास
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatPad}}
{{KKAnthologyKrushn}}
<poem>
बोले माई गोवर्धन पर मुरवा ।
तेसी ये श्यामघन मुरली बजाई, तेसेई उठे झुमधुरवा ॥१॥
बडी बडी बूंदन वरषन लाग्यो, पवन चलत अति झुरवा।
सूरदास प्रभु तुम्हारे मिलन को निश जागत भयो भुरवा ॥२॥
</poem>