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महामानिनी, बिमल, वियोगिनि, नित प्रियतमसहिता राधा॥
उज्ज्वल दिव्य त्याग अनुपम की परमादर्श मूर्ति राधा।
दुर्लभ कृष्ण-प्रेम की नव-नव सहज विचित्र श्रींगारित स्फुरित राधा॥
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