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यह तो पता करो पापाजी,
पाँच रुपये कितने में आते,|
एक रुपये की कीमत क्या है,
क्यों इसका न पता लगाते।
धन कितना व्यय करना होगा।
पापा ‍‍बोले बाज़ारों में,
रुपये नहीं बिका करते हैं।
रुपये के बल पर दुनिया के,
श्रम शक्ति के व्यय करने पर,
रुपये हमको मिल जाते हैं ।हैं।
कड़े परिश्रम के वृक्षों पर,
रुपये फूलकर फल जाते हैं।</poem>
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