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17:45, 30 जून 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= संस्कारपरक गीत / मैथिली लोकगीत
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{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>मांगू रे बहिनों कोने फल मांगब
आजुक मांगल सभ पायब गे दैया
अगिला हर के हरबाहा मांगब
पछिला हर के बरदबा हो भैया
घर निपन के चेरिया हम मांगब
आओरो मांगब खबसबा हो भैया
दूध पिऐ के गैया मांगब
आओरो मे मांगब कटोरबा हो भैया
पिया चढ़न के घोड़ा मांगब
आओरो मे मांगब महिसबा हो भैया
बाहर लुटै भाट-पमरिया, घर लुटै ननदिया
ई हम जनितौं ननदी अयती
केदली वन जाय बिअइतौं गे दैया
</poem>