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18:18, 30 जून 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= संस्कारपरक गीत / मैथिली लोकगीत
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>नदीया के तीरे-तीरे गछुलिया, फले फूले माँतल हे
ताहि तर ठाढ़ भेल अपन बाबा, हकन्न कानय हे
कथीय लय नोतब देव लोक, कथीय लय दियादनी लोक हे
कथीय लय रूसल अपन बहिनी, ओ जे मरबो न सोभय हे
धान लय नोतब देवलोक, सिन्दुर लय दीयादनी हे
दान लय नोतब अपन बहिनी, मरबा जे सोभय हे
</poem>