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19:02, 30 जून 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>घूमू-घूमू महादेव आजु वेदी हे
एक नागरि जे नाक धयने
एक लगौने गराती हे
चारू कोना चारि कर बैसाओल
घूमि-घूमि ताहि पर बैसू हे
तीन बेर जे घूमि लेब दुलहा
पहिरि लिअ विधिक धोती हे
भनहि विद्यापति सुनू मनाइनि
गौरी ब्याहन आयल योगी हे
</poem>
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