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'{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= बिय...' के साथ नया पन्ना बनाया
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{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
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<poem>सभ सखि चलू गृह मोर
कि मंगल गायब हे
जानकी होयत विवाह
जनकपुर आयब हे
आभरण वसन सहित
आनि पहिरायब हे
सीता बैसतीह आसन पर
सींथ नोतायत हे
दूभि धान लए हरि बैसताह
आरत पान लए हे
माहर लए सींथ लगओताह
सीया सीथ नोतल हे
भनहि तुलसी दास
सीता राम नेह लगाओल रे
</poem>
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