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12:46, 2 जुलाई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>कनी मुट्ठी के खोलब जमइया हे
हमर सिया दाइ मुट्ठी कसि बान्हल
खोलियो ने सकला जमइया हे
हमर सिया दाइ के कोमल अंगुरिया
धीरे सऽ खोलब जमइया हे
ललित कुमारी सुमंगल गाओल
सखि जीतियो ने सकल रघुरइया हे
हमर सिया दाइ मुट्ठी कसि बान्हल
खोलियो ने सकल जमइया हे
</poem>
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