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14:31, 2 जुलाई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>कहमाँसँ सुगा आयल, नेह लायल
कहमा लेल बसेरा सुगा मन मोहल
फल्लां ठासँ सुग्गा आयल, नेह लायल
फल्लां गाम लेल बसेरा, सुग्गा मन मोहल
फल्लां ससुर पिजुरा गढ़ाओल, सुग्गा बझाओल
हे फल्लां सासु देथु आहर सुग्गा मन मोहब
एहन सुग्गा नहि पोसब जे पोस ने मानत
हे सुगबा होयत उड़ाँत, अपन गृह जायत
एहन सुग्गा हम पोसब जे पोस मानत
हे सुगबा होयत बुधियार, पलटि फेर आओत
भनहि विद्यापति गाओल, फल पाओल
हे गौरी केँ बढ़नु अहिबात, सुन्दर बर पाओल
</poem>